Monday, January 12, 2015

एहसास ...

इंतज़ार पलकों पर सजाए हुए हैं 
एहसासों के फूल खिलाए हुए हैं 

नयनों के दीप जलाए हुए हैं
इन राहों में दिल को बिछाए हुए हैं 

आपके जाने से ख्वाब कुम्हलाएँ हुए हैं
आपके लौटने की आस लगाए हुए हैं 

जज़्बात जो होठों पर आए हुए हैं 
चाहतों में सुर्खी मिलाए हुए हैं

फासलें चाहे जितने दरम्याँ आए हुए हैं
हमारे ज़ेहन में बस आप छाए हुए हैं

आपके लिए शायद हम पराए हुए हैं
हम इस दुनिया में आपके लिए ही आये हुए हैं 

- © Sneha
08:40 pm, 12/01/2015

6 comments:

  1. फासलें चाहे जितने दरम्याँ आए हुए हैं
    हमारे ज़ेहन में बस आप छाए हुए हैं ...
    बहुत ही लाजवाब शेर ... उम्दा शेरों से सजी पोस्ट ...

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  2. कोमल अहसास लिये सुंदर रचना।

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  3. वाह स्नेह जी
    बहुत सुन्दर बात ..कितना कुछ कह दिया इन साधारण से शब्दों में..
    बहुत बढ़िया..

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