Monday, October 3, 2011

जाने किस बात से ...

जाने किस बात से है परेशान ज़िँदगी
नियामतोँ के बीच है वीरान ज़िँदगी

इक तरफ हालात ज़ख्मी से पड़े हैँ
और इधर इस शोहरत से है हैरान ज़िँदगी

होँठोँ से मुस्कुराहटेँ जुदा न हुईँ कभी
और ज़रा सी इक खुशी से रही अनजान ज़िँदगी

लफ़्ज़ोँ से कहानी शुरू हुई थी उसी दिन
जिस दिन से हो गई थी बेज़ुबान ज़िँदगी

हर पल की जंग, एक जद्दोजहद जीने की
ज़िँदादिल से हौसलेँ मगर बेजान ज़िँदगी

कोई ख्वाब भी देख लेँ, कुछ खयाल भी सजा लेँ
हो जाए ग़र एक पल को भी आसान ज़िँदगी

कुछ पल फुरसत के, कुछ लम्हेँ राहत के
तलाशती है एक सुकून भरी मुस्कान ज़िँदगी

कामयाबियोँ मेँ शामिल गुमनामियाँ भी होँगी
शायद बन जाएगी एक ग़मग़ीन दास्तान ज़िँदगी

किस पर करे यकीन, कौन समझे यहाँ
करे अपना दर्द किससे बयान ज़िँदगी

नफ़रत-ए-तकदीर की जकड़न से आज़ाद कौन करे
कैसे बने किसी का अरमान ज़िँदगी

Monday, September 5, 2011

दोस्ती ...

ऐ खुदा अपनी अदालत मेँ मेरे सबाबोँ की ज़मानत रखना
मैँ अगर मर भी जाऊ, मेरे दोस्तोँ को सलामत रखना

जो बाँटे कभी तू नियामतेँ अपने इस जहाँ मेँ
याद रहे अपने ज़ेहन मेँ तू मेरी ये इबादत रखना

जो हो कभी तो मुआफ़ कर देना मेरे दोस्तोँ का हर गुणाह
या फिर हर सुनवाई मेँ मेरी रूह को ही अदालत रखना

तूने ही बनाया इस जहाँ मेँ ये सबसे प्यारा रिश्ता
तू अपनी ही निग़हबानी मेँ इस रिश्ते की हिफ़ाज़त रखना

और गिरा कभी ग़म का कोई कतरा मेरे दोस्तोँ की आँखोँ से
तू तैयार कायनात को करने को बर्दाश्त मेरा अश्क-ए-कयामत रखना

ऐ खुदा अपनी अदालत मेँ मेरे सबाबोँ की ज़मानत रखना
तेरी हिफ़ाज़त मेँ मेरे दोस्तोँ की खुशी, तू महफ़ूज़ मेरी ये अमानत रखना

आमीन ।

( - स्नेहा )

Monday, May 9, 2011

परिचय...

इस मासूम ज़िँदगी की बस इतनी दास्तान है
सफ़र है बहुत लम्बा और अकेली नन्ही सी ये जान है

मेरी हँसी, मेरी खुशी, मेरी चाहत, मेरी बंदगी
इस सफ़र मेँ साथ मेरे बस यही कुछ सामान है

ये जो मेरी राहोँ मेँ बिछते रहे हैँ हमेशा
ये काँटेँ मेरे हौसलोँ से अनजान है

इस दिल को हालातोँ की बेरूखी की परवाह नहीँ
ये तो बस तकदीर की खामोशी से परेशान है

आँखोँ मेँ नमी आती जाती रहेगी
मगर साथ हमेशा मेरी ये मुस्कान है

है ये भरोसा की शाम ढ़लने से पहले
मिल ही जाएगा जो मेरा आसमान है

यूँ सदियाँ कट जाती है इसे तय करने मेँ
तुम साथ हो अगर तो ये सफ़र बहुत आसान है

इस मासूम ज़िँदगी की बस इतनी दास्तान है
अभी पंख खोले है मैनेँ अभी बाकी मेरी उड़ान है
(written by - Sneha)

i have created a page on facebook for my novel titled For What You Are. I request all of you to join it.
Thanks,
Sneha

Monday, April 25, 2011

घिर आई बदली ...

जब कभी कोई आशा किसी दुआ से सँभली
न जाने कहाँ से इन आँखोँ मेँ घिर आई बदली ....

उपवन मेँ भी झूमकर आई बहार
मौसमी के गीत पर खिला हरसिँगार
और गुलबहार जब हँस कर निखरी
चमन मेँ हर तरफ़ खुश्बू ही बिखरी
रजनीगंधा की जो ओस अचानक पिघली
न जाने कहाँ से इन आँखोँ मेँ घिर आई बदली ....

सुरमई शाम मेँ भी महका एक गीत
चंदा को छूकर झूमा संगीत
तारोँ को जैसे एक सुर मेँ है ढ़ाला
मद्धम मद्धम मुस्कुराती शशिबाला
अठखेली कर गुनगुनाई जो ये हवा पगली
न जाने कहाँ से इन आँखोँ मेँ घिर आई बदली ....

अप्रतिम, सुंदर, अद्भुत, मनभावन
मिट्टी की सोँधी खुश्बू से खिल उठा ये मन
बहते है कैसे कल कल कल कर
राहोँ के किनारे के छोटे छोटे निर्झर
क्यूँ ये बरखा आँसुओँ मेँ आ ढ़ली
न जाने कहाँ से इन आँखोँ मेँ घिर आई बदली ....
[written by - Sneha Gupta]

Sunday, April 24, 2011

बस यूँ ही ...

इस जहाँ मेँ अपनी तकदीर खुद ही तराशनी पड़ती है ...
आजकल मुझे मुस्कुराने के लिए वजह तलाशनी पड़ती है ....

Friday, March 25, 2011

लिखना ज़रूरी है अभी ....

खामोश रहने की मजबूरी है अभी
ख्वाहिशेँ सारी अधूरी है अभी
ख्वाब सारे सच कहाँ हुए हैँ
हसरतोँ और किस्मत मेँ दूरी है अभी
खुल कर खेले तबस्सुम ये नियामत नहीँ मिली है
फ़क़त मुस्कुराने की मंज़ूरी है अभी
डर है कहीँ तुम भूल न जाओ मुझे
लिखते रहना मेरा ज़रूरी है अभी
[written by- Sneha Gupta]
GOD BLESS YOU
your true friend SNEHA

Wednesday, March 16, 2011

ये आँखेँ....

आँखोँ मेँ ख्वाब , ख्वाबोँ मेँ जन्नत है
आँखोँ ने माँगी रब से एक मन्नत है
आँखोँ मेँ बसती थोड़ी शरारत है
आँखोँ मेँ छुपी थोड़ी नज़ाकत है
आँखेँ जो देखे वो बहुत खूबसूरत है
आँखेँ ये इन्हीँ आँखोँ से हुई आहत है
आँखेँ ये दे जाती फिर भी, आँखोँ को बड़ी राहत है
आँखेँ अगर फ़िरा ली तो आ जानी कयामत है
आँखोँ मेँ ही कहीँ बस जाने की चाहत है
आँखेँ ये नसीब हो, क्या आँखेँ इतनी खुशकिस्मत है?
आँखेँ बयां कर देँगी वो जो हक़ीकत है
आँखोँ को झुकाकर रखने की ज़रूरत है
आँखोँ मेँ आखिर क्योँ इतनी इनायत है?
आँखेँ ये आखिर किसकी अमानत हैँ?

Dil Se........

ye blog meri ghazalo aur kavitaao ke liye........