इंतज़ार पलकों पर सजाए हुए हैं
एहसासों के फूल खिलाए हुए हैं
नयनों के दीप जलाए हुए हैं
इन राहों में दिल को बिछाए हुए हैं
आपके जाने से ख्वाब कुम्हलाएँ हुए हैं
आपके लौटने की आस लगाए हुए हैं
जज़्बात जो होठों पर आए हुए हैं
चाहतों में सुर्खी मिलाए हुए हैं
फासलें चाहे जितने दरम्याँ आए हुए हैं
हमारे ज़ेहन में बस आप छाए हुए हैं
आपके लिए शायद हम पराए हुए हैं
हम इस दुनिया में आपके लिए ही आये हुए हैं
- © Sneha
08:40 pm, 12/01/2015
फासलें चाहे जितने दरम्याँ आए हुए हैं
ReplyDeleteहमारे ज़ेहन में बस आप छाए हुए हैं ...
बहुत ही लाजवाब शेर ... उम्दा शेरों से सजी पोस्ट ...
Bahut bahut dhanyawaad Sir :)
Deleteकोमल अहसास लिये सुंदर रचना।
ReplyDeleteDhanyawaad Ankur Ji! Blog par swagat hai :)
Deleteवाह स्नेह जी
ReplyDeleteबहुत सुन्दर बात ..कितना कुछ कह दिया इन साधारण से शब्दों में..
बहुत बढ़िया..
Dhanyawaad Sanjay Ji! Aabhari hu :)
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