Friday, March 25, 2011

लिखना ज़रूरी है अभी ....

खामोश रहने की मजबूरी है अभी
ख्वाहिशेँ सारी अधूरी है अभी
ख्वाब सारे सच कहाँ हुए हैँ
हसरतोँ और किस्मत मेँ दूरी है अभी
खुल कर खेले तबस्सुम ये नियामत नहीँ मिली है
फ़क़त मुस्कुराने की मंज़ूरी है अभी
डर है कहीँ तुम भूल न जाओ मुझे
लिखते रहना मेरा ज़रूरी है अभी
[written by- Sneha Gupta]
GOD BLESS YOU
your true friend SNEHA

Wednesday, March 16, 2011

ये आँखेँ....

आँखोँ मेँ ख्वाब , ख्वाबोँ मेँ जन्नत है
आँखोँ ने माँगी रब से एक मन्नत है
आँखोँ मेँ बसती थोड़ी शरारत है
आँखोँ मेँ छुपी थोड़ी नज़ाकत है
आँखेँ जो देखे वो बहुत खूबसूरत है
आँखेँ ये इन्हीँ आँखोँ से हुई आहत है
आँखेँ ये दे जाती फिर भी, आँखोँ को बड़ी राहत है
आँखेँ अगर फ़िरा ली तो आ जानी कयामत है
आँखोँ मेँ ही कहीँ बस जाने की चाहत है
आँखेँ ये नसीब हो, क्या आँखेँ इतनी खुशकिस्मत है?
आँखेँ बयां कर देँगी वो जो हक़ीकत है
आँखोँ को झुकाकर रखने की ज़रूरत है
आँखोँ मेँ आखिर क्योँ इतनी इनायत है?
आँखेँ ये आखिर किसकी अमानत हैँ?

Dil Se........

ye blog meri ghazalo aur kavitaao ke liye........