Monday, November 3, 2014

चाहत...

मुकम्मल की चाहत किसे नहीं होती..
ज़िन्दगी से मुहब्बत किसे नहीं होती..

बेरहम हालातों को गवारा नहीं होता...
वरना मुस्कुराने की आदत किसे नहीं होती...


डर होता है ख़्वाबों के टूट जाने का...
ख्वाब सजाने की हसरत किसे नहीं होती...

ढूंढ लाने वाला अगर कोई मिल जाए तो..
खो जाने की चाहत किसे नहीं होती...