Saturday, February 21, 2015

ज़रा ज़रा...

बदलते रहेंगे यूँ ही हालात ज़रा ज़रा
होती रहे गर यूँ बात ज़रा ज़रा

ख्वाबों के चिराग रोशन रहेंगे हमेशा
चाहे ढलती रहे ज़िन्दगी की रात ज़रा ज़रा

तन्हाइयों का कोई शिकवा नहीं करेंगे
होती रहे अगर यूँ ही मुलाक़ात ज़रा ज़रा

इंतज़ार का मज़ा कोई हमसे पूछ ले
कि मिलती है उनसे कोई सौगात ज़रा ज़रा...
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- - स्नेहा राहुल चौधरी