Sunday, March 31, 2013

कलाकार .....

तुम तस्वीरें बनाना चाहते हो न…?


कैसे बनाओगे?

बना पाओगे
मेरे उन आंसुओं की तस्वीरें  
जो कभी मेरी आँखों से छलकी ही नही …. ?

खींच पाओगे 
एक रेखाचित्र 
मेरे उस दर्द का 
जो तुमने कभी महसूस ही नहीं किया …?

कौन से रंगों में ढालोगे 
मेरे जले हुए सपनो की राख को…. ?

कैसे उकेरोगे 
उन रंगों को 
जो मेरी पलकों के नीचे 
सपनो की ख़ाक जमने से बनी है ....?

तुमने कहा था कि तुम कलाकार हो 

तुम्हे खुद पर भरोसा तो है न ...?

क्यूंकि तुम हमेशा मेरी मुस्कुराहटो में ही क़ैद होकर रह गये…. 

- स्नेहा गुप्ता 
01/04/2013 12:17 AM

14 comments:

  1. बहुत खूब ... बहुत मुश्किल है गहरे एहसासों को तस्वीर में ढालना ...
    उन आंसुओं को तस्वीर में उतारना ...

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  2. बहुत सुंदर...बहुत सुंदर.

    रामराम.

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  3. तारीफ के लिए हर शब्द छोटा है - बेमिशाल प्रस्तुति - स्नेहा जी आभार.

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद संजय जी

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  4. बहुत सुन्दर..
    बहुत मुश्किल है किसी के दर्द को महसूस कर उसे तस्वीर में ढालना ....सच तस्वीर बनाना उतना कठिन नहीं हो सकता जितना दर्द भोगना ...

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  5. सच्चा कलाकार होगा तो ज़रूर बनेगी मुकम्मल तस्वीर......

    अच्छे भाव...

    अनु

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    1. मैं भी इसी उम्मीद में हूँ अनु जी,
      धन्यवाद

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