Friday, March 1, 2013

अब आपसे मिला नहीं करेंगे .......

 आपसे किसी बात का गिला नहीं करेंगे 
वादा रहा अब आपसे मिला नहीं करेंगे 

आपको हमने यूँ तो हैरान बहुत किया 
बेसबब बेवज़ह परेशान बहुत किया 
ख्यालो से अब आपके खिला नहीं करेंगे 
वादा रहा अब आपसे मिला नहीं करेंगे 

 जिंदगी हसीन थी जिंदगी हसीन है 
बात लेकिन ये बेहद ज़हीन है 
इस बात में मगर हम घुला नहीं करेंगे 
वादा रहा अब आपसे मिला नहीं करेंगे 

आपकी चाहत की मन्नतें न सही 
तक़दीर में अपनी जन्नतें न सही 
मोम बनकर हम जला नहीं करेंगे 
वादा रहा अब आपसे मिला नहीं करेंगे 

मिल जाये कोई नियामत भी शायद 
क्या पता हो जाये मुहब्बत भी शायद 
मुस्कुरायेंगे हमेशा , होठों को सिला नहीं करेंगे 
मगर वादा रहा अब आपसे मिला नहीं करेंगे ...........

- स्नेहा गुप्ता 
01/03/2013
00:30AM


8 comments:

  1. मिल जाये कोई नियामत भी शायद
    क्या पता हो जाये मुहब्बत भी शायद
    मुस्कुरायेंगे हमेशा , होठों को सिला नहीं करेंगे

    जब मुहब्बत मिलने की आशा है तो क्यों न मिलने का वादा ....
    मगर वादा रहा अब आपसे मिला नहीं करेंगे ... क्यों ...?

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  2. बहुत खूबसूरती और सफ़ाई से जज्बात उकेरे हैं, बहुत उम्दा रचना.

    रामराम.

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  3. दिल के सुंदर एहसास
    हमेशा की तरह आपकी रचना जानदार और शानदार है।

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  4. कृपया टिप्पणी बॉक्स से वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...

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