तुम तस्वीरें बनाना चाहते हो न…?
कैसे बनाओगे?
बना पाओगे
मेरे उन आंसुओं की तस्वीरें
जो कभी मेरी आँखों से छलकी ही नही …. ?
खींच पाओगे
एक रेखाचित्र
मेरे उस दर्द का
जो तुमने कभी महसूस ही नहीं किया …?
कौन से रंगों में ढालोगे
मेरे जले हुए सपनो की राख को…. ?
कैसे उकेरोगे
उन रंगों को
जो मेरी पलकों के नीचे
सपनो की ख़ाक जमने से बनी है ....?
तुमने कहा था कि तुम कलाकार हो
तुम्हे खुद पर भरोसा तो है न ...?
क्यूंकि तुम हमेशा मेरी मुस्कुराहटो में ही क़ैद होकर रह गये….
- स्नेहा गुप्ता
01/04/2013 12:17 AM
gr8
ReplyDeleteshukriya dinesh
DeleteEXCELLENT ONE! :)
ReplyDeleteThank you Sir
Deleteबहुत खूब ... बहुत मुश्किल है गहरे एहसासों को तस्वीर में ढालना ...
ReplyDeleteउन आंसुओं को तस्वीर में उतारना ...
Aisa hi hota hai Sir! bahut bahut dhanyawaad
Deleteबहुत सुंदर...बहुत सुंदर.
ReplyDeleteरामराम.
dhanyawaad taauji :)
Deleteतारीफ के लिए हर शब्द छोटा है - बेमिशाल प्रस्तुति - स्नेहा जी आभार.
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद संजय जी
Deleteबहुत सुन्दर..
ReplyDeleteबहुत मुश्किल है किसी के दर्द को महसूस कर उसे तस्वीर में ढालना ....सच तस्वीर बनाना उतना कठिन नहीं हो सकता जितना दर्द भोगना ...
धन्यवाद कविता मैम
Deleteसच्चा कलाकार होगा तो ज़रूर बनेगी मुकम्मल तस्वीर......
ReplyDeleteअच्छे भाव...
अनु
मैं भी इसी उम्मीद में हूँ अनु जी,
Deleteधन्यवाद