छोड़िये इस बात की चर्चा बेमानी है
किसका खून खून है, किसका खून पानी है
जज्बातों को बेचकर उसने यह दौलत पाई है
अब इस जहाँ में कौन उसका सानी है
गरीबो के बच्चे कभी खूबसूरत नहीं होते
इस दुनिया में बस दौलत का ही चेहरा नूरानी है
हमारे बस की बाते नहीं है ये सब
इस दौलत से प्यार के किस्से और कहानी है
उसकी नौकरी सिफारिशों के बीच दम तोड़ गयी
अब उसे चोरी करने में क्यों शर्म आनी है
क्या फर्क उसके हाथो में बन्दूक हो या तलवार
कौन जाने उसकी किस्मत में भोजन कितना पानी है
महसूस होते है जब किसी बेक़सूर के आंसू
दिल सुलग उठता है बस इतनी परेशानी है
छोड़िये इस बात की चर्चा बेमानी है
किसका खून खून है किसका खून पानी है
- स्नेहा गुप्ता
किसका खून खून है, किसका खून पानी है
जज्बातों को बेचकर उसने यह दौलत पाई है
अब इस जहाँ में कौन उसका सानी है
गरीबो के बच्चे कभी खूबसूरत नहीं होते
इस दुनिया में बस दौलत का ही चेहरा नूरानी है
हमारे बस की बाते नहीं है ये सब
इस दौलत से प्यार के किस्से और कहानी है
उसकी नौकरी सिफारिशों के बीच दम तोड़ गयी
अब उसे चोरी करने में क्यों शर्म आनी है
क्या फर्क उसके हाथो में बन्दूक हो या तलवार
कौन जाने उसकी किस्मत में भोजन कितना पानी है
महसूस होते है जब किसी बेक़सूर के आंसू
दिल सुलग उठता है बस इतनी परेशानी है
छोड़िये इस बात की चर्चा बेमानी है
किसका खून खून है किसका खून पानी है
- स्नेहा गुप्ता
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteवाह...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
thank you very much Sir!
Deleteबहुत खूब!!
ReplyDeleteBahut bahut dhanyawaad, Kavita Ma'am :)
Deleteछोड़िये इस बात की चर्चा बेमानी है
ReplyDeleteकिसका खून खून है किसका खून पानी है
वाह बहुत लाजवाब, शुभकामनाएं.
रामराम.
shukriya Taauji
Deleteबहुत सुंदर रूप से सत्य को उजागर किया है....लम्बे अंतराल के बाद आन हुआ आपके ब्लॉग पर स्नेहा जी
ReplyDeleteDhanyawaad Sanjai ji
Deleteबसंत पंचमी की शुभकामनाएँ !!!
ReplyDeleteaapko bhi Sanjay ji
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