इस मासूम ज़िँदगी की बस इतनी दास्तान है
सफ़र है बहुत लम्बा और अकेली नन्ही सी ये जान है
मेरी हँसी, मेरी खुशी, मेरी चाहत, मेरी बंदगी
इस सफ़र मेँ साथ मेरे बस यही कुछ सामान है
ये जो मेरी राहोँ मेँ बिछते रहे हैँ हमेशा
ये काँटेँ मेरे हौसलोँ से अनजान है
इस दिल को हालातोँ की बेरूखी की परवाह नहीँ
ये तो बस तकदीर की खामोशी से परेशान है
आँखोँ मेँ नमी आती जाती रहेगी
मगर साथ हमेशा मेरी ये मुस्कान है
है ये भरोसा की शाम ढ़लने से पहले
मिल ही जाएगा जो मेरा आसमान है
यूँ सदियाँ कट जाती है इसे तय करने मेँ
तुम साथ हो अगर तो ये सफ़र बहुत आसान है
इस मासूम ज़िँदगी की बस इतनी दास्तान है
अभी पंख खोले है मैनेँ अभी बाकी मेरी उड़ान है
(written by - Sneha)
i have created a page on facebook for my novel titled For What You Are. I request all of you to join it.
Thanks,
Sneha
सफ़र है बहुत लम्बा और अकेली नन्ही सी ये जान है
मेरी हँसी, मेरी खुशी, मेरी चाहत, मेरी बंदगी
इस सफ़र मेँ साथ मेरे बस यही कुछ सामान है
ये जो मेरी राहोँ मेँ बिछते रहे हैँ हमेशा
ये काँटेँ मेरे हौसलोँ से अनजान है
इस दिल को हालातोँ की बेरूखी की परवाह नहीँ
ये तो बस तकदीर की खामोशी से परेशान है
आँखोँ मेँ नमी आती जाती रहेगी
मगर साथ हमेशा मेरी ये मुस्कान है
है ये भरोसा की शाम ढ़लने से पहले
मिल ही जाएगा जो मेरा आसमान है
यूँ सदियाँ कट जाती है इसे तय करने मेँ
तुम साथ हो अगर तो ये सफ़र बहुत आसान है
इस मासूम ज़िँदगी की बस इतनी दास्तान है
अभी पंख खोले है मैनेँ अभी बाकी मेरी उड़ान है
(written by - Sneha)
i have created a page on facebook for my novel titled For What You Are. I request all of you to join it.
Thanks,
Sneha
Superb...Good Job and I wish you all the luck for your Novel.
ReplyDeleteI can't find it on facebook though. You should share a link.
Thanx Rahul.
ReplyDeleteDue to some technical problem, I am unable to share the link. But you can get the page by searching "For What You Are." its the name of the novel.
Thnx again.
very beautiful lines.........keep it up Sneha.....
ReplyDeletewell expressed and beautifully crafted !!!
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